ऋण उद्देश्यः-
मोर्टगेज ऋण का उद्देश्य पारिवारिक आवश्यकताआंे की पूर्ति हेतु, वाहन क्रय करने हेतु, उच्च शिक्षा हेतु, अतिरिक्त अचल सम्पति निर्माण आदि कार्यों हेतु एवं व्यापारिक फर्म की व्यापारिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अचल सम्पतियों रहन कर ऋण उपलब्ध करवाना।
ऋण की पात्रताः-
राजस्थान राज्य का कोई भी निवासी जो सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्था में स्थाई रूप से कार्यरत हो, गैर वेतन भोगी व्यक्ति जिसका पिछले 3 वर्षो से आयकर निर्धारित है के पास बैंक के कार्यक्षेत्र में रहन रखने हेतु भार रहित अचल सम्पतियों वास्ताविक कब्जे में होना। आवेदक योजना के अन्तर्गत दो व्यक्तियों के संयुक्त नाम से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। सहऋणी के रूप में पति/पत्नि/माता/पिता/पुत्र/पुत्रवधु हो सकती है परन्तु अवयस्क को सहऋणी नही बनाया जा सकेगा। योजनान्तर्गत 55 वर्ष की आयु तक के पात्र ऋणी को ही ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा।
ब्याज दर एवं ऋण की अवधिः-
मोर्टगेज ऋण योजनान्तर्गत 10 वर्ष की अवधि के लिये 2 लाख रूपये तक 12 प्रतिशत् एवं 2 लाख से अधिक राशि पर 12.50 प्रतिशत् की ब्याज दर से पात्रता अनुसार अधिकतम 35 लाख रूपये की ऋण राशि उपलब्ध करवायी जाती है। ऋण राशि पर ब्याज मासिक आधार पर वसूल किया जावेगा। ऋण का पुनर्भुगतान प्रति माह निर्धारित किश्तो के आधार पर किया जावेगा।
बीमाः-
योजनान्तर्गत अग्रिम किये गये ऋण से सर्जित सम्पतियों की सुरक्षा के लिये बीमा करवाना अनिवार्य होगा। बीमा के प्रीमियम की राशि का भुगतान ऋ़णी द्वारा किया जावेगा।
ऋण हेतु आवश्यक दस्तावेजः-
अचल सम्पतियों के आवंटन/क्रय करने सम्बन्धी मालिकाना हक के दस्तावेज जो नगर विकास न्यास, विकास प्राधिकरण, नगर निगम, नगरपालिका द्वारा अनुमोदित हो एवं निर्माण की अनुमति प्राप्त हो। रहन रखी जाने वाली अचल सम्पतियों पर मालिकाना हक व गत 15 वर्षो का भार रहित प्रमाण पत्र आवश्यक है। गैर वेतनभोगी आवेदक द्वारा गत 3 वर्ष की आयकर विवरणी दाखिल करने की प्रति। वेतनभोगी आवेदक गत 3 माह के वेतन एवं कटौतियों का नियोक्ता द्वारा जारी प्रमाण पत्र, आयु का प्रमाण पत्र, ऋण के उपयोग सम्बन्धी विवरण। नियमानुसार लाभार्थी /जमानतदार को बैंक का नाॅमिनल सदस्य बनाया जावेगा।
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